महानदी मे १९ सितंबर को आये बाढ से प्रभावित ग्रामीण अपने पुनर्वास मे लग गये हैं राहत व बचाव के बाद अब पुनर्वास के लिये राज्य शासन व जिला प्रशासन ने काम शुरु कर दिया है.रायगढ जिले के बाढ प्रभावित क्षेत्र से मैग्रामीणों के पुनर्वास की खबरें सीधे आप तक पहुचाउंगा.
छत्तीसगढ मे १८ सितंबर को भारी बरसात के बाद चित्रोत्पल्ला गंगा मे बाढ आ गयी.छत्तीसगढ की जीवनरेखा ने जिले के महानदी के तटवर्ती गांवों के लोगों को चपेट मे ले लिया.रायगढ जिले के बरमकेला व पुसौर तहसील के सूरजगढ, सिघपुरी, ककईमुहान, परसापाली, चंघोरी, सुरसी, लिप्ती, नदीगांव, विजयपुर गांवों के लोगों को १० राहत शिविरों मे ठहराया गया.राहत शिविर मे लोगों के लिये भोजन,आवास,दवाई की व्यवस्था की गयी.
महानदी के मुहाने पर बसे ककईमुहान के लोग अब बाढ से स्थायी राहत चाहते हैं.पुसौर के छोटे हल्दी गांव मे राहत शिविर मे रह रहे ककईमुहान के लोगों का कहना है कि पीढियों से गांव के लोगों ने बाढ के प्रकोप को झेला है.लेकिन ग्रामीण अब नयी पीढी को बाढ के प्रकोप से बचाना चाहते हैं.बाढ से बचने स्थायी पुनर्वास के लिये गांव वालों ने समाधान खोज लिया है.ककईमुहान के जागरुक युवा बांके बिहारी बहिरदार का कहना है कि ककईमुहान के लोगों ने छोटे हल्दी मे जमीन खरीद कर पिछले साल से मकान बनाना शुरु कर दिया है.कलेक्टर ठाकुर रामसिंह ने ककईमुहान के लोगों के लिये उनके मोहल्ले मे बिजली,सडक,आंगनबाडी की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के
आदेश दे दिये हैं.कलेक्टर ने यह भी कहा है कि हाउसिंग बोर्ड यहां आवास की योजना बनाने आयेगी.
1 टिप्पणी:
रोचक और आश्चर्य जनक भी !!इस मौसम मे बाढ पर जो बेघर हो गये उनके लिये अत्यंत दुखद!!
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